बुधवार, 21 अक्तूबर 2015

अगर सूरज ना होता "Agar Suraj nahi hota to"


Health World

  1. ये कविता पर्यावरण और हमारे बीच लिखी गई है। हमें पेड़ों की रक्षा करना और हरित क्रांति का बढ़ावा देना है।







अगर सूरज ना होता तो,
      सारा जग अंधकार मे होता

अगर सूरज ना होता तो,
      ये दिन-रात कैसे होता

अगर सूरज ना तो,
       पौधे भोजन कैसे बनाते

अगर सूरज ना होता तो,
        प्रकाश-शंश्लेषन कैसे होता

 अगर प्रकाश-शंश्लेषन ना होता तो,
          ऑक्सीजन कहां से मिलता

अगर ऑक्सीजन ना मिलता तो,
            हम साँस कहां (कैसे)से लेते

अगर साँस ना लेते तो,
            हम साँस बिना मर जाते

अगर हम साँस बिना मर जाते तो,
             अस्तित्व हमारा ना होता

अगर अस्तित्व हमारा ना होता तो,
              संसार की कल्पना कैसे होता

अगर सूरज ना होता तो,
               जल-चक्र कैसे चलता

अगर जल-चक्र ना चलता तो,
                 मेघपुष्प कैसे होता

अगर मेघपुष्प ना होता  तो,
                  ये पौधे भोजन कैसे बनाते

अगर पौधे भोजन ना बनाते तो,
                  हमें भोजन कहां से मिलता

अगर भोजन ना मिलता तो,
                 हम भूखे मर जाते

अगर पौधे ना होता तो,
                ये जीवन हमारा ना होता

अगर जीवन हमारा ना होता तो,
                   संसार की कल्पना कैसे होता

अगर संसार की कल्पना ना होता तो,
                   हम कहां से होते हमारा अस्तित्व ना होता



शब्दावली

सूरज = सूर्य ( Sun)

जग = संसार (World )

पौधे = Plants

अंधकार = Darkness

भोजन = खाना (Food)

ना = नहीं (Not)

अस्तित्व = (Existence)

कल्पना = (Assumption)

जल-चक्र = (water cycle)

मेघपूष्प = वर्षा  (Rain)

जीवन = Life

वृक्षों की रक्षा जीवन की रक्षा

(Save tree save life)



            ये कविता पढ़ने के लिए धन्यवाद!

हमारी कविता कैसी लगीं हमें बताए, और अपने दोस्तों को शेयर करना न भूले।

    इस कविता के लिए आप अपना सुझाव हमें बताएँ।

      आपका दोस्त
विनय कुमार
V

ये कविता पर्यावरण और हमारे बीच लिखी गई है। हमें पेड़ों की रक्षा करना और हरित क्रांति का बढ़ावा देना है।






अगर सूरज ना होता तो,
      सारा जग अंधकार मे होता

अगर सूरज ना होता तो,
      ये दिन-रात कैसे होता

अगर सूरज ना तो,
       पौधे भोजन कैसे बनाते

अगर सूरज ना होता तो,
        प्रकाश-शंश्लेषन कैसे होता

 अगर प्रकाश-शंश्लेषन ना होता तो,
          ऑक्सीजन कहां से मिलता

अगर ऑक्सीजन ना मिलता तो,
            हम साँस कहां (कैसे)से लेते

अगर साँस ना लेते तो,
            हम साँस बिना मर जाते

अगर हम साँस बिना मर जाते तो,
             अस्तित्व हमारा ना होता

अगर अस्तित्व हमारा ना होता तो,
              संसार की कल्पना कैसे होता

अगर सूरज ना होता तो,
               जल-चक्र कैसे चलता

अगर जल-चक्र ना चलता तो,
                 मेघपुष्प कैसे होता

अगर मेघपुष्प ना होता तो,
                  ये पौधे भोजन कैसे बनाते

अगर पौधे भोजन ना बनाते तो,
                  हमें भोजन कहां से मिलता

अगर भोजन ना मिलता तो,
                 हम भूखे मर जाते

अगर पौधे ना होता तो,
                ये जीवन हमारा ना होता

अगर जीवन हमारा ना होता तो,
                   संसार की कल्पना कैसे होता

अगर संसार की कल्पना ना होता तो,
                   हम कहां से होते हमारा अस्तित्व ना होता


शब्दावली

सूरज = सूर्य ( Sun)

जग = संसार (World )

पौधे = Plants

अंधकार = Darkness

भोजन = खाना (Food)

ना = नहीं (Not)

अस्तित्व = (Existence)

कल्पना = (Assumption)

जल-चक्र = (water cycle)

मेघपूष्प = वर्षा  (Rain)

जीवन = Life

वृक्षों की रक्षा जीवन की रक्षा

(Save tree save life)



            ये कविता पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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      आपका दोस्त
विनय कुमार

vinaykumar



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